सहायक आचार्य भर्ती परीक्षा 2023 के तृतीय प्रश्न पत्र हेतु फाइनल टेस्ट का आयोजन 10 दिसम्बर को सुबह 10 बजे से 12 बजे तक किया जायेगा

SLT_1 13112021

SCHOOL LECTURER EXAM PAPER-1 

NOTES SERIES  #1 

TOPIC- Ancient Indian education system

वैदिक काल में शिक्षा –

👉   वैदिक काल में गुरुकुलों में शिष्यों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता था अर्थात् शिक्षा निशुल्क थी.

👉गुरुकुल में रहने वाले बालक अन्तेवासी या कुलवासी कहलाते थे .

👉वैदिक काल में शिक्षा उपनयन संस्कार के बाद प्रारंभ होती थी.

👉उपनयन संस्कार के लिए ब्राह्मण बालक को 3 वर्ष, क्षत्रिय बालक को 11 वर्ष तथा वैश्य को 12 वर्ष की न्यूनतम आयु प्राप्त करना आवश्यक होता था।

👉 वैदिक काल में मुद्रण कला का विकास नहीं हुआ था अतः समस्त ज्ञान स्मरण द्वारा सुरक्षित रखा जाता था अर्थात् रटने पर अधिक बल दिया जाता था.

👉शिक्षा का माध्यम संस्कृत था।

👉वैदिक काल में दंड का कोई प्रावधान नहीं था, शारीरिक दंड पूर्णतः निषिद्ध था।

👉वेदों का अध्ययन करने के आधार पर छात्रों का वर्गीकरण 

    एक वेद का अध्ययन करने वाले छात्र - स्नातक 

    दो वेद का अध्ययन करने वाले छात्र - वसु 

    तीन वेद का अध्ययन करने वाले छात्र - रूद्र

    चार वेद का अध्ययन करने वाले छात्र - आदित्य 

👉वैदिक काल में कोई निर्धारित परीक्षा प्रणाली नहीं थी।

👉 वैदिक काल में शिक्षा धर्म प्रधान थी .

👉वैदिक काल में ज्ञान को मनुष्य का तीसरा नेत्र माना जाता था

👉वैदिक काल में शूद्रों को उच्च शिक्षा के अधिकार से वंचित रखा गया था.

👉समावर्तन संस्कार - विद्याध्ययन की समाप्ति के बाद किया जाने वाला संस्कार 





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