सहायक आचार्य भर्ती परीक्षा 2023 के तृतीय प्रश्न पत्र हेतु फाइनल टेस्ट का आयोजन 10 दिसम्बर को सुबह 10 बजे से 12 बजे तक किया जायेगा

TEST NO MT 04

 ASSISTANT PROFESSOR EXAM PAPER - III 

FREE ONLINE TEST SERIES 
TEST NO. MT 04
TOPIC - ''HISTORY OF RAJASTHAN (PART-II) ''

DATE - 15-08-2023 
TIME - 9.00 PM TO 9.30 PM 
TOTAL QUESTIONS - 50
MARKS - 50

( 1/3 Negative Marking for each wrong ans.) 

TEST ENDED

TEST LINK WILL BE AVAILABLE HERE AT 9.00 PM .

REFRESH PAGE AT 9.00 PM TO ACTIVATE LINK.

NOTE- कृपया टेस्ट में भाग लेते समय अपना पूरा नाम तथा सही मोबाइल नंबर लिखे . 
१० से कम अंक लाने वाले सदस्यों के नाम स्कोर शीट में MASKED कर दिए जायेंगे तथा किसी भी सदस्य के मोबाइल नंबर को सार्वजनिक नही किया जायेगा .

TEST MT 03

 ASSISTANT PROFESSOR EXAM PAPER - III 

FREE ONLINE TEST SERIES 
TEST NO. MT 03 
TOPIC - ''HISTORY OF RAJASTHAN (PART-I) ''

DATE - 09-08-2023 
TIME - 9.00 PM TO 9.30 PM 
TOTAL QUESTIONS - 50
MARKS - 50

( 1/3 Negative Marking for each wrong ans.) 


Test Ended


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NOTE- कृपया टेस्ट में भाग लेते समय अपना पूरा नाम तथा सही मोबाइल नंबर लिखे . 
१० से कम अंक लाने वाले सदस्यों के नाम स्कोर शीट में MASKED कर दिए जायेंगे तथा किसी भी सदस्य के मोबाइल नंबर को सार्वजनिक नही किया जायेगा .

ANS KEY OF TEST NO. MT 02

 ASSISTANT PROFESSOR EXAM PAPER III 

TEST NO. MT 02

TOPIC - POLITICAL & ADMINISTRATIVE SYSTEM OF RAJASTHAN 

TOTAL - 50 QUESTIONS

MARKS- 50 ( 1/3 NEGATIVE MARKING FOR EACH WRONG ANS.) 


CORRECT ANS RESPONSE SHEET IS BEING SHARED HERE 

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SLT_6

  SCHOOL LECTURER EXAM PAPER-1 

NOTES SERIES  #6

TOPIC- Ancient  Educational institutions of learning

वल्लभी विश्वविद्यालय

👉 वल्लभी गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित था.

👉यह उस समय अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह था और व्यापार का मुख्य केंद्र था .

👉 वल्लभी विश्वविद्यालय की स्थापना सन् 470 में मैत्रक वंश के संस्थापक सेनापति भुट्टारक ने की थी।

👉वल्लभी विश्वविद्यालय के प्रथम विहार का निर्माण मैत्रक शासक ध्रुव सेन प्रथम की  बहन की पुत्री दद्दा ने करवाया था.

👉विश्वविद्यालय में विधि, गणित, अर्थशास्त्र, चिकित्सा शास्त्र  और साहित्य की शिक्षा दी जाती थी.


विक्रमशिला विश्वविद्यालय

👉 मगध में गंगा तट पर एक पहाड़ी के ऊपर स्थित 
(वर्तमान में बिहार के भागलपुर जिले में )

👉 विक्रमशिला विश्वविद्यालय में 6 महाविद्यालय थे .

👉 इसकी स्थापना पाल वंश के राजा धर्मपाल द्वारा की गई.

👉 विश्व विद्यालय भवन के केंद्र में महाबोधि (भगवान बुद्ध) की मूर्ति स्थापित थी और उसके चारों ओर 108 मंदिर थे.

👉 इसमें 108 भिक्षु शिक्षण कार्य करते थे.

👉 स्नातको को पंडित की उपाधि दी जाती थी. महापंडित ,उपाध्याय व आचार्य क्रमशः उच्चतर उपाधियाँ थी .

👉 कुतुबुद्दीन ऐबक ने अपने सेनापति बख्तियार खिलजी से इसे नष्ट करवा दिया था. उस समय विश्वविद्यालय के कुलपति  शाक्यश्री भद्र थे 

                                                                                                                                                                      

SLT_5

 SCHOOL LECTURER EXAM PAPER-1 

NOTES SERIES  #5

TOPIC- Ancient  Educational institutions of learning

नालंदा विश्वविद्यालय 

👉यह बिहार के पटना नगर से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित था.

👉यूनेस्को ने इसे वर्ष 2016 में  अंतरराष्ट्रीय ऐतिहासिक धरोहर के रूप में मान्यता दी है .

👉इसकी स्थापना गुप्त वंश के शासक कुमारगुप्त प्रथम ने की थी .

👉नालंदा के पुस्तकालय को धर्म गंज कहते थे  इसके निम्न 3 विशाल भवन थे  -

    रत्न सागर में  सभी धर्मों से संबंधित पुस्तकें थी.
    रत्नोदधि  में विज्ञान आदि से संबंधित पुस्तके थी.
    रत्न रंजक में सभी कलाओं से संबंधित पुस्तकें थी.

👉नालंदा विश्वविद्यालय में प्रवेश हेतु परीक्षा ली जाती थी .

👉बख्तियार खिलजी के आक्रमण में नालंदा के भवन और पुस्तकालय जलाकर नष्ट कर दिए गए थे

👉चीनी यात्री हेनसांग हर्षवर्धन के काल में यहां आया था तथा अध्ययन किया था

👉इत्सिंग ने भी विश्वविद्यालय में  10 वर्ष  तक अध्ययन किया तथा  लौटते वक्त अपने साथ 400 संस्कृत के ग्रंथ ले गया.


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  SCHOOL LECTURER EXAM PAPER-1 

NOTES SERIES  #4 

TOPIC- Ancient  Educational institutions of learning

तक्षशिला 

👉वर्तमान में पाकिस्तान के रावलपिंडी शहर से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित 

👉इसकी स्थापना 700 वर्ष ईसा पूर्व में की गई थी.

👉तक्षशिला की स्थापना भरत द्वारा की गयी .

👉किसी भी क्षेत्र के किसी भी जाति के बच्चों को प्रवेश का अधिकार था. 

👉प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु 16 वर्ष थी.

👉प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा होती थी केवल सफल छात्रों को ही प्रवेश दिया जाता था.

👉शिक्षा की अवधिवर्ष तक की होती थी.

👉प्रवेश के समय प्रत्येक छात्र को एक हजार तत्कालीन मुद्राएं देनी होती थी जो छात्र यह शुल्क देने में असमर्थ होते थे वह सेवा कार्य करते हुए शिक्षा प्राप्त कर सकते थे.

👉शिक्षा का माध्यम संस्कृत था .

👉शिक्षा पूर्ण होने पर परीक्षा ली जाती थी.

👉तक्षशिला 'आयुर्वेद विज्ञान' का सबसे बड़ा केन्द्र था.

👉लेखन में ब्रह्मी और खरोष्ठी दोनों लिपियों का प्रयोग किया जाता था.

👉सुप्रसिद्ध विद्वान, चिंतक, कूटनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री चाणक्य ने भी अपनी शिक्षा यहीं पूर्ण की तथा उसके बाद यहीं शिक्षण कार्य किया .

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 SCHOOL LECTURER EXAM PAPER-1 

NOTES SERIES  #3 

TOPIC- Ancient Indian education system

मुगलकालीन/मुस्लिमकालीन  शिक्षा 

👉मुगलकालीन शिक्षा के उद्देश्य  वैदिककालीन एवं बौद्धकालीन शिक्षा के उद्देश्यों से पूर्णतया भिन्न थे.
इस्लाम धर्म व संस्कृति का प्रसार  शिक्षा का मुख्य  उद्देश्य था .
 
👉शिक्षा मकतब तथा मदरसों में दी जाती थी. प्रारम्भिक शिक्षा मकतब व उच्च शिक्षा मदरसों में दी जाती थी .

👉‘बिस्मिल्लाह’ रस्म - शिक्षा प्रारम्भ से पूर्व की जाने वाली रस्म .

👉शिक्षा का  माध्यम फारसी भाषा थी.

👉मुगलकालीन शिक्षा मुख्यतः मौखिक थी तथा पाठ्यवस्तु को कण्ठस्थ करने पर बल दिया जाता था।

👉व्यवस्थित परीक्षा प्रणाली का विकास नही हुआ था .

👉शिक्षा की समाप्ति पर उपाधियाँ - 
    -साहित्य शिक्षा ग्रहण करने वाले  - काबिल 
    -धार्मिक शिक्षा ग्रहण करने वाले  - आलिम 
    -तर्क एवं दर्शन शिक्षा ग्रहण करने वाले - फाजिल

👉स्त्री शिक्षा उपेक्षित थी .

👉आगरा, फतेहपुर सीकरी, दिल्ली, लाहौर, अजमेर,गुजरात, जौनपुर, स्यालकोट आदि मुगल कालीन शिक्षा के प्रमुख केन्द्र थे.

SLT_2

 SCHOOL LECTURER EXAM PAPER-1 

NOTES SERIES  #2 

TOPIC- Ancient Indian education system

बौद्धकालीन  शिक्षा 

👉बच्चों की प्राथमिक शिक्षा की व्यवस्था निशुल्क थी जबकि उच्च शिक्षा के छात्रों से शुल्क लिया जाता था.

👉बच्चे शिक्षा हेतु परिवार छोड़कर मठ अथवा विहार में जाते थे ,जहां प्रवेश के समय होने वाले संस्कार को पबज्जा संस्कार कहा जाता था.इसमें छात्र अपने सिर के बाल मुड़वाता था, पीले वस्त्र धारण करता था.

👉उच्च शिक्षा में प्रवेश हेतु एक प्रवेश परीक्षा संपन्न होती थी और योग्य छात्रों को उच्च शिक्षा में प्रवेश दिया जाता था.

👉उपसम्पदा संस्कार - जब शिक्षार्थी प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण कर उच्च शिक्षा में प्रवेश करता था तब किया जाने वाला संस्कार 

👉बौद्ध काल में  सभी धर्म  व जातियों के बालकों के लिए शिक्षा प्राप्ति सुलभ थी । बौद्ध काल में पुरुषों की तरह स्त्रियों के लिए भी समान शिक्षा की व्यवस्था होती थी। 

👉बौद्ध काल में बोलचाल की भाषा पाली थी जिसे  शिक्षा का माध्यम बनाया.

👉बौद्ध काल में शिक्षार्थियों को श्रमण अथवा सामनेर कहा जाता था.

👉सैनिक शिक्षा की उपेक्षा बौद्धकालीन  शिक्षा  प्रणाली का एक मुख्य दोष था .

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SCHOOL LECTURER EXAM PAPER-1 

NOTES SERIES  #1 

TOPIC- Ancient Indian education system

वैदिक काल में शिक्षा –

👉   वैदिक काल में गुरुकुलों में शिष्यों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता था अर्थात् शिक्षा निशुल्क थी.

👉गुरुकुल में रहने वाले बालक अन्तेवासी या कुलवासी कहलाते थे .

👉वैदिक काल में शिक्षा उपनयन संस्कार के बाद प्रारंभ होती थी.

👉उपनयन संस्कार के लिए ब्राह्मण बालक को 3 वर्ष, क्षत्रिय बालक को 11 वर्ष तथा वैश्य को 12 वर्ष की न्यूनतम आयु प्राप्त करना आवश्यक होता था।

👉 वैदिक काल में मुद्रण कला का विकास नहीं हुआ था अतः समस्त ज्ञान स्मरण द्वारा सुरक्षित रखा जाता था अर्थात् रटने पर अधिक बल दिया जाता था.

👉शिक्षा का माध्यम संस्कृत था।

👉वैदिक काल में दंड का कोई प्रावधान नहीं था, शारीरिक दंड पूर्णतः निषिद्ध था।

👉वेदों का अध्ययन करने के आधार पर छात्रों का वर्गीकरण 

    एक वेद का अध्ययन करने वाले छात्र - स्नातक 

    दो वेद का अध्ययन करने वाले छात्र - वसु 

    तीन वेद का अध्ययन करने वाले छात्र - रूद्र

    चार वेद का अध्ययन करने वाले छात्र - आदित्य 

👉वैदिक काल में कोई निर्धारित परीक्षा प्रणाली नहीं थी।

👉 वैदिक काल में शिक्षा धर्म प्रधान थी .

👉वैदिक काल में ज्ञान को मनुष्य का तीसरा नेत्र माना जाता था

👉वैदिक काल में शूद्रों को उच्च शिक्षा के अधिकार से वंचित रखा गया था.

👉समावर्तन संस्कार - विद्याध्ययन की समाप्ति के बाद किया जाने वाला संस्कार 





CURRENT AFFAIRS #2

 

पद्म पुरस्कार 2021

कुल 119 पद्म पुरस्‍कार 
पद्म विभूषण - 7
पद्म भूषण - 10
पद्म श्री पुरस्कार - 102

महिलाएं - 29
विदेशी श्रेणी के - 10
मरणोपरांत पुरस्कार पाने वाले - 16
ट्रांसजेंडर पुरस्कार विजेता - 1

राजस्थान से पद्मश्री 2021




जापान के पूर्व प्रधान मंत्री शिंजो आबे, बालासुब्रमण्यम (मरणोपरांत), सैंड कलाकार सुदर्शन साहू, पुरातत्वविद बीबी लाल को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
पुरातत्वविद बीबी लाल को पूर्व में  पद्म भूषण दिया जा चुका है।


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